इटावा के डॉ भीमराव अम्बेडकर राजकीय संयुक्त चिकित्सालय में एम्बुलेंस ना मिलने के कारण एक बाप को अपने बेटे का शव कंधे पर ढोना पड़ा. और इसी तरह से वो शव को अपने घर तक लाया. मजदूर बाप के बेटे के पैरो में दर्द था. डाक्टरों ने उसकी ठीक तरह से जांच भी नहीं की और उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद अस्पताल ने उसे एम्बुलेंस भी नहीं दी .जब कि अस्पताल में एम्बुलेंस सेवा सबके लिए मुफ्त है. इटावा के चीफ मेडिकल ऑफिसर ने बताया कि लड़के कि अस्पताल लाने से पहले ही मौत हो चुकी थी.स्टाफ हादसे में घायल लोगो के इलाज में लगा था. इसी कारण किसी का उस पर ध्यान नहीं गया.
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