नई दिल्ली- जीएसटी काउन्सिल की बैठक में प्लास्टिक प्रोडक्ट,बाथ फिटिंग्स, शैम्पू, जैसी कुछ रोजाना स्तेमाल में आने वाली चीजों और हैण्ड मेड फर्नीचर पर से टैक्स घटाने पर विचार चल रहा है.इसके अलावा रिटर्न फाईलिंग के नियमो को भी आसान किया जा सकता है.काउन्सिल की अगली मीटिंग इसी माह गुवाहाटी होने वाली है.1 जुलाई से जीएसटी लागू होने के बाद से हर माह काउन्सिल की समीक्षा बैठक हो रही है.मिली जानकारी के अनुसार रोजाना इस्तेमाल की जाने वाली कुछ वस्तुए अभी जिनमे अभी 28 % टैक्स ब्रैकेट में है इन्हे 18 % की कैटेगरी में लाया जा सकता है. प्लास्टिक बनाने वाली कंपनियों ने सर्कार से कहा है की 80 % यूनिट छोटे और मंझोले है.90 % मैन्युफैक्चर एमएसएमई कैटेगरी के है. जीएसटी से पहले 1.5 करोड़ रु तक टर्न ओवर वालो को एक्साइज ड्यूटी से छूट थी इनकी बनाई चीजों पर सिर्फ वैट लगता था.लेकिन जीएसटी रेट तय करने में वैट के साथ एक्साइज को भी जोड़ा गया इसलिए इन मैन्युफैक्चरर के प्रोडक्ट महंगे हो गए अब वापस वापस फर्नीचर,प्लास्टिक प्रोडक्ट, बाथ फिटिंग कम्प्रेशर और तौल मशीनों पर से टैक्स कम करने की तैयारी चल रही है.
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