भोपाल-देश के छह राज्यों के किसान शुक्रवार को सड़क पर उतर आये. कर्जमाफी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने सहित 32 मांगो के समर्थन में राजस्थान,पंजाब,हरियाणा,महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में किसानो ने सड़को दूध बहाया और सब्जियां फेंकी. मध्यप्रदेश सरकार ने पहले ही दिन सब्ज़ियो की कीमते बढ़ते देख थोक और रिटेल की कीमतों की पड़ताल शुरू कर दी है. हड़ताल के कारण सब्जियों के दाम काफी बढ़ गए है. सरकार,लहसुन, टमाटर,प्याज समेत अन्य सब्जियों के लाइसेंसी थोक कारोबारियों के गोदामों की तलाशी की तैयारी कर रही है कि कही सब्जियां स्टॉक तो नहीं की जा रही है.ऐसा पाए जाने पर सख्त कार्यवाही की जाएगी. किसान आंदोलन के मुख्य केंद्र रहे तीन जिलों मंदसौर,रतलाम और नीमच में भी बंद का कुछ ज्यादा असर दिखाई नहीं दिया. मंदसौर और रतलाम में दूध और सब्जियों की आवक घटी,लेकिन नीमच में डिमांड से ज्यादा 20 हजार लीटर दूध और पचास क्विंटल सब्जी पहुंच गयी है. मंदसौर में आंदोलन समर्थको ने दूध बाँट रहे लोगो से हाथ जोड़ कर अमूर माला पहना कर आंदोलन में शामिल होने की अपील की.बंद का असर भोपाल दुग्ध संघ पर भी पड़ा है.
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