रतलाम (मप्र) । फूलो की सजावट तो सभी ने सुनी होगी लेकिन एक मंदिर ऐसा भी है जहाँ हर साल दीवाली पर माँ लक्ष्मी के मंदिर को अरबो के नोटों और जेवरों से सजाया जाता है. मध्य प्रदेश के रतलाम के प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर में सजावट देखने को मिलती है .लोग अपनी नगदी और जेवर को स्वेच्छा से मंदिर सजाने के लिए दे जाते है और भाई दूज के बाद ले जाते है. नकदी, आभूषण व अन्य सामग्री देने के लिए रविवार को अंतिम दिन था.इसके पहले ही मंदिर में नोट और अन्य सामग्री रखने की जगह कम पड़ने लगी थी. निर्धारित समय के अलावा भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु सजावट के लिए नकदी लेकर पहुंच रहे हैं. अभी तक नोटों से चार बड़ी पेटियां व तीन से चार बोरे भर चुके हैं। प्रशासन द्वारा शनिवार को मंदिर में नया दानपात्र भी रखा गया।माणकचौक स्थित महालक्ष्मी मंदिर में पांच दिवसीय दीपोत्सव की शुरुआत सोमवार को धनतेरस से होगी। इस दिन से भक्तजन महालक्ष्मी के खजाने के दर्शन कर सकते हैं। श्रद्धालुओं द्वारा दी गई नकदी व हीरे-जवाहरात व आभूषणों की यह सजावट भाईदूज तक रहेगी। शहर के अलावा अन्य जिलों से भी बड़ी संख्या में लोग नकदी व अन्य सामान लेकर मंदिर पहुंच रहे हैं। मंदिर के गर्भगृह में नोट जमा कर रखे गए हैं। दिन में सामग्री लेने का क्रम चलने के कारण रात में मंदिर को सजाया जा रहा है। मान्यता है कि जिस किसी का धन महालक्ष्मी के श्रृंगार के लिए लगता है उसके घर में सुख सृमद्धि बानी रहती है.
|