दिल में भरी दर्द की सुराही है दर्द ही क्यो बस जमाना देता रहा है
अब तक तू दिल से दुवा दे तो सही राही वरना कितनों के मूं पर बद्दुवा है अब तक....
दिल से तुम्हे देती हूं दुवा हृदय से तुमको करती हूं क्षमा महफिले तेरे नाम से हो
अक्सर बांधो तुम हर एक शमा मुस्कुराना इतना कि सूरज का खिल जाना जितना हो
चमचमाना इस जग में ऐसे कि चंदा का इतराना जैसा हो
फिर याद मुझे तुम करना इक रोज कभी ओ
हमदम मेरे जब भीड़ तुम्हे घेरे होगी तो मेरी राह तकेगे
दो नयना तेरे रेनूमनोज आप सभी मित्रों को 2019 की अग्रिम शुभकामनाऐं