भोपाल,(सुलेखा सिंगोरिया)माखल लाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विवि के नोएडा कैंपस मे 13 अक्टूम्बर 2017 से 14 मार्च 2018 तक असोसिएट प्रोफेसर के रूप ने नियुक्ति दिखा कर उनको हर महीने 1.5 लाख रुपए वेतन दिया गया। जबकि इस दौरान ये विवि मे अध्यापक का कार्य करने नहीं आए, सबसे जरूरी बात यह है कि राकेश सिन्हा पॉलिटिकल साइस विषय के असोसिएट प्रोफेसर है। जबकि विवि विश्वविध्यालय मे इस विषय का कोई पद नहीं है| बावजूद इसके उन्हे छ्ह माह तक नियुक्त दिखा कर वेतन दिया गया इस बात का खुलासा पत्रकारिता विव मे हुये गड़बड़िया की जांच के लिए गठित की गई तीन सदस्यीय समिति द्वारा मुख्यमंत्री कमलनाथ को सौपी गई रिपोर्ट मे किया गया हैं।
बताते है की प्रो राकेश सिन्हा को जो नियुक्त पत्र दिया गया था उसमे उनके दायित्व भी अजीब बताए गए हैं, उनमे लिखा गया है की ये फे लोशिप से जुड़ी तमाम गतिविधियो को लोंचिंग मे शामिल रहेंगे। उनके नियुक्त पत्र मे अध्यापन से जुड़ी गतिविधि का कोई उल्लेख नहीं है ऐसे मे समिति ने माना है प्रो सिन्हा की नियुक्ति गलत तरीके से की गई थी|
माखन लाल चतुर्वेदी राष्ट्रिय जनसंचार एव पत्रकारिता विश्वविधालय के पूर्व कुलपति प्रो॰ बीके कुठियाला सहित 20 शिक्षको के विरूद्ध ईओडब्ल्यू मे हुये एफआईआर के विरोध मे 300 से अधिक शिक्षाविदो,पूर्व कुलपति प्रो आदि के समर्थन वाला पत्र उपराष्ट्रपति को लिखने वाले राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा भी इसमे शामिल हैं,
विश्व विध्यालय ने जांच मे समिति का गठित किया ।
माखन लाल चतुर्वेदी राष्ट्रिय जनसंचार एव पत्रकारिता एव संचार विवि मे आर्थिक अनियमितता और फर्जी नियुक्तियों के बाद ईओडब्ल्यू मे हुये एफआईआर मे सहयोग को लेकर गुरुवार को तीन सदस्यीय आंतरिक समिति गठित की गई है,
समिति मे प्रो श्रीकांत सिंह डॉ संजीव गुप्ता और मनीष माहेश्वरी को शालिम किया गया हैं, समिति सभी प्रोफेसर्स की नियुक्तियों से संबंधित जानकारी योग्यता प्रमाण पत्र अंकसूचियों से संबंधित अन्य जानकारिया जुटाकर रिपोर्ट तैयार करेगे। समिति पूर्व कुलपति कुठियाला सहित विवि के 20 प्रोफेसर्स के खिलाफ आर्थिक अपराध अन्वेषन ब्यूरो द्वारा एफआईआर दर्ज होने के बाद गठित की गई हैं, समिति जो रिपोर्ट सौंपेगी उसे ईओडब्ल्यू को सौंपा जाएगा। ईओडब्ल्यू ने सभी नियुक्तियो व प्रमोशन की जानकारी मांगी है।