भोपाल। (सुलेखा सिंगोरिया) कॉंग्रेस नेता राहुल गांधी 25 अप्रैल 2013 मे आए भोपाल दौरे के दौरान राहुल की मुलाक़ात एक अखबार बैचने वाले 10 वर्षीय कौशल शाक्या से रोशनपूरा मे चौहराहे पर अखबार बैचते हुई थी। सुर्ख़ियो मे आने के लिए राहुल गांधी ने वादा किया था कि कौशल को कॉंग्रेस गोद लेगी, इसका पढ़ाई का सारा खर्च कॉंग्रेस उठाएगी। और उसके परिवार के लिए नौकरी कि व्यवस्था कि जाएगी। कौशल ने बताया कि राहुल के कहे अनुसार त्रिलंगा स्थित राजीव गांधी हायर सेकंडरी स्कूल मे पढ़ने गया, लेकिन फीस ज़्यादा थी, इसके बाद तत्कालीन केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रही स्मृति ईरानी का पत्र भी कौशल के पास आया कि उसकी पढ़ाई केंद्रीय विधायल से कराई जाए। खर्चा सरकार उठाएगी। कौशल पत्र को लेकर केंद्रीय विधायल गया तो वहाँ पर भी फीस आड़े आ गई। कौशल के भाई ने बताया कि जो वादा राहुल गांधी ने किया था उसके अनुसार कुछ भी नहीं हुआ। न ही पढ़ाई हुई और न ही परिवार कि रोटी कि व्यवस्था हुई, पिताजी को राजीव गांधी कॉलेज मे नौकरी मिली, लेकिन वेतन इतना कम था कि घर नहीं चलता था। 2019, 6 साल बाद कौशल 16 साल हो गया है लेकिन उसके जीवन मे कोई फर्क नहीं आया है। अंतर इतना है कि पहले अखबार बैचता था अब न्यू मार्केट के फूटपाथ पर बैग बैचने वाली दुकान पर काम करता है राहुल से मिलने के बाद जीवन मे क्या बदलाव आया? कौशल ने कहा- क्या बदलाब। पहले भी मजदूरी करते थे अभी भी करते हैं।
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