खंडवा।(विशेष प्रतिनिधि) जगन्नाथ माने पिता शिवाजी माने जो एक पूर्व एल्डरमैंन, आरटीआई कार्यकर्ता व बजाज आलियांज के एजेंट थे। माने ने सोमवार सुबह 6:30 बजे अपने घर पर कीटनाशक दवा पीकर आत्महत्या कर ली। 52 साल के माने ने सुसाइट से पहले रविवार को पाँच पेज का सुसाइट नोट लिखा था। जिसमे पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस, खंडवा के तत्कालीन कलेक्टर अभिषेक सिंह, पूर्व सीएसपी शेषनारायण तिवारी, कॉलोनाइजर उमेश मिश्रा, बलराम गोलानी, रणधीर जांगीड़, व्यवसायी रमनीत सलूजा, पेट्रोल पंप व्यवसायी प्रकाश नरेडी, सचूल संचालक पवन अग्रवाल, सिकरवार, रितेश गोयल, खदान संचालक छगन एतालकर, गोपाल एतालकर, अजयसिंह सिसोदिया, सेल्स मैनेजर कविता यादव पर प्रताडना का आरोप लगाया गया हैं। इन सभी लोगो पर प्रताडना का आरोप लगाया है ओर सुसाइट नोट मे उन्होने लिखा है कि अब में इनकी प्रताडना से इतना तंग आ गया हूँ कि जीना नहीं चाहता हूँ। बताया जा रहा है कि बीज विक्रेता उमेश मिश्रा ने माने पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाया था। जिससे माने को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। 24 अप्रैल को वह जमानत पर रिहा हुआ था। माने से सुसाइट नोट मे लिखा है कि जेल से छूटकर आने पर बजाज आलियांज कि बुरहानपुर निवासी महिला सेल्स मैनेजर कविता यादव ने साथ रहने का दवाब बनाया। इसके अलावा उमेश मिश्रा अपने ओर साथियो के साथ कविता से एक और केस दर्ज कराने का दवाब बना रहे थे।
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