भोपाल। भारत-पाकिस्तान व्यापार पुरी तरह ठप हो गया। इसका सीधा असर इस रूट पर सामान की आवाजाही करने वाले ट्रको के ऑपरेटरों पर हुआ। ढाई महीने मे ट्रक मालिको ने 250 ट्रक बेच दिये हैं। कई ऑपरेटर्स ने बैंक लोन के जरिये ट्रक खरीदा था। उन्हे अब किस्त चुकाने मे परेशानी आ रही है। कुछ तो जमीने और घर बेचने के लिए मजबूर हो रहे हैं। भारत-पाकिस्तान के बीच व्यापार बढ़ाने के लिए 2012 मे अटारी मे इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (आईसीपी) बनाया गया था। इसके लिए आसपास के गाँव की जमीन अधिग्रहित की गई। कुछ जमीन मालिको ने इससे मिले पैसे से कारोबार चलने की उम्मीद मे ट्रक खरीद लिए। कुछ ने बैंको से लाने लेकर ट्रक खरीदे। पुलवामा हमले से पहले सबकुछ ठीक चल रहा था।
लेकिन 16 फरवरी को सरकार ने 200 फीसदी कस्टम डयूटी लगाने का फैसला किया और इसके बाद पाकिस्तान से सामान का आयात बंद हो गया। इससे तमाम ऑपरेटर्स के ट्रक खड़े हो गए। अटारी ट्रक ऑपरेटर्स यूनियन के प्रधान कुलविंदर सिंह संधू ने बताया कि आईसीपी बनने के बाद 160 लोगो ने 517 गाड़िया खरीदी थी। लेकिन कस्टम डयूटी बढ़ने बाद काम पूरी तरह से बंद हो गया। एक डेढ़-महीने तो इंतज़ार किया कि शायद काम चल जाए, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।