भोपाल।(सुलेखा सिंगोरिया) रेलवे मे यात्रियो के द्वारा पहले भी खाने को लेकर कई बार शिकायतें हुई है लेकिन कोई खास फर्क दिखाई नहीं देता हैं। हालही मे हबीबगंज से दिल्ली के बीच चलने वाली नई दिल्ली शताब्दी एक्स्प्रेस मे तीन दिन पहले यात्रियो को अखबार की कतरन पर खराब खाना परोसे का मामला सामने आया हैं। यात्री सचिन खरे ने शिकायत करते हुये लिखा कि......पानी मे दाल मिल नहीं रही,पनीर मे मटर गायव हम अखबार कि जहरीली इंक कि कतरन मे भोजन कुछ ऐसा दिखा रहा हैं जैसे रोड साइड समोसे खा रहे हो? इसे बेहतर किया जा सकता था शायद? भोपाल डीआरएम से लेकर आईआरसीटीसी, रेल सेवा और रेलमंत्री तक यह शिकायत कि गई। तत्काल वेंडर के खिलाफ कार्रवाई की गई, लेकिन इससे यात्री को कोई राहत नहीं मिली। ऐसे मे सवाल उठता हैं की शिकायत पर वेंडर पर कार्रवाई तो हो जाती हैं। लेकिन फिर यात्री का क्या फायदा हुआ। उसे न तो खाने के पैसे वापिस मिले और न ही रेलवे के कारण हुई परेशानी का कोई हर्जाना मिला। ऐसी ही खाने की गुणवत्ता को लेकर पहले भी कई बार शिकायतें हो चुका हैं। कार्रवाई होती हैं, लेकिन कुछ दिन बाद फिर गुणवत्ताविहीन खाना यात्रियो को परोसा जाने लगता हैं।
खाने की जांच के लिए कंपनी........
आईआरसीटीसी ने खाने की क्वालिटी की जांच के लिए एक कंपनी को हायर किया हैं। आईआरसीटीसी के अधिकारी सिर्फ किचन मे खाना बनाने की प्रक्रिया व उसमे उपयोग होने वाले मटेरियल की जांच करते हैं। कंपनी के कर्मचारी खाने को चखकर उसकी रिपोर्ट तैयार करके रेलवे को सौंपते हैं।
ऑनलाइन वीडियो चलते हैं : सिद्धार्थ सिंह,पीआरओ आईआरसीटीसी
खाने की क्वालिटी को लेकर रोज करीब देशभर से 35 शिकायतें आती हैं। यात्री के शिकायत पर वेंडर पर कार्रवाई की जाती है किचन के ऑनलाइन वीडियो चलते रहते हैं।