जोधपुर। हर साल दुष्कर्म कि घटनाए बढ़ती ही जा रहा हैं, बीते 3 महीने मे दुष्कर्म कि 63 केस दर्ज हुये हैं। ऐसे मे अंदाजा लगाया जा सकता हैं कि राज्य सरकार अपनी ज़िम्मेदारी के प्रति कितनी ईमानदार लगनशील हैं। राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य मे कानून व्यवस्था की बदहाल स्थिति को लेकर पत्रिका ने शुक्रवार को प्रवाह कॉलम मे प्रकाशित टिप्पणी ‘निकम्मेपन की हद’ पर संग्ज्ञान लेते हुये राज्य सरकार से जवाब मांगा हैं। पुलिस महानिदेशक को ये शपथपत्र पेश करने के आदेश दिये गए है की दुष्कर्म के मामले मे क्या कार्रवाई की गई।
अगली सुनवाई 27 मई को होगी। न्यायाधीश संदीप मेहता तथा न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ ने शुक्रवार को पत्रिका के मुखपृष्ठ पर ‘निकम्मेपन की हद’ शीर्षक से प्रकाशित टिप्पणी मे वर्णित तथ्यो को गंभीरता से लिया। जिसमे बताया गया था कि पिछले 3 महीनो मे दुष्कर्म के 63 मामले दर्ज हुये। पर कार्रवाई 3 मामलो मे हुई। बीते साल बलात्कार के 165 मामलो मे पुलिस ने एफआर ही लगा दी।