भोपाल।(सुलेखा सिंगोरिया) कॉंग्रेस विधायको और मंत्रियो कि बुलाई गई बैठक मे जब विधायक आरिफ़ मसूद ने कहा कि मेरी न कोई मंत्री सुनता है और न ही अफसर, क्या मे पद से इस्तीफा दे दूँ। यह सुन कर बैठक मे सनसनी फैल गई। बैठक मे मसूद ने कहा कि जेल प्रबंधन द्वारा बंदियो को उनके परिजनो द्वारा रोजा इफ्तारी करने के लिए खाने-पीने का सामान दिये जाने कि इजाजत नहीं दी जा रही हैं। और न ही जेल प्रबंधन द्वारा रोजा रखने वालों बंदियो को रोजा इफ्तारी के लिए प्रबंधन किया जा रहा हैं। उन्होने कहा कि में अपनी मांग रमजान शुरू होने के पहले जेल मंत्री, विभाग के अफसर और डीजी जेल के सामने रख चुका हूँ। मेरे क्षेत्र मे जनता ने मुझे जिस भरोसे पर मुझे वोट दिये है, मैं उनकी कसौटी पर पूरा नहीं उतर पा रहा हूँ। इस स्थित मे मैं क्या करू? क्या इस्तीफा दे दूँ? इस बात पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मांग के अनुसार कार्रवाई पूरी होने का आश्वासन दिया हैं।
वही इस बैठक मे प्रत्याशियों ज्योतिरादित्य सिंघिया, दिग्विजय सिंह सिंह, अजय सिंह, अरुव यादव और नकुल नाथ कि अनुपस्थिति चर्चा का विषय रही। हालाकि इन सभी का न आने का कारण पारिवारिक व्यस्तता बताई हैं।