भोपाल।(सुलेखा सिंगोरिया) जेपी अस्पताल मे हुई घटना के बाद स्वास्थ मंत्री सबसे पहले भर्ती हुई सुजाता और पति राजकुमार से मिले। जिनके साथ घटना हुई थी। उसके बाद स्वास्थ मंत्री तुलसीराम सिलावट ने मंगलवार को जेपी अस्पताल मे आधिकारियों से बैठक की और निर्देश दिये कि अस्पतालो मे वार्ड बॉय, स्ट्रेचर, व्हील चेयर कि संख्या बढाए जाये। ऐसी घटना अस्पतालो मे दोवारा न हो ऐसी व्यवस्थाए सुनिश्चित करे। जेपी अस्पताल लो घटना कि पुरी जांच रिपोर्ट दो दिन मे दे। बताए कि इसमे किसकी लापरवाही रही। मंत्री कि आने कि सूचना अस्पताल प्रशासन को पहले ही मिल गई थी। इसलिए सुबह से ही चारो तरह सफाई करा दी। सभी वार्ड मे नई चादर बदल दिये। नई व्हील चेयर रख दी गई। सभी व्यवस्थाए कर दी गईं।
अस्पताल का निरीक्षण किया....
स्वास्थ मंत्री ने अस्पताल का निरीक्षण किया। इमरजेंसी वार्ड मे मरीजो से मिले, और अस्पताल कि व्यवस्थाओ कि जानकारी ली। मंत्री ने स्टाफ और मरीजो से पूछा कि वो लोग उन्हे जानते हैं तो सभी ने माना कर दिया। इसके बाद उन्होने स्वस्थ मंत्री कौन हैं, नाम पूछा तो मरीज नहीं बता सके। बाद मे स्टाफ ने परिचय कराया।
भाजपा के निशाना बने स्वास्थ मंत्री....
जेपी अस्पताल मे हुई घटना जहां महिला कि फर्श पर डिलेवरी के दौरान नवजात शिशु कि मौत हो गई। इस मामले पर भाजपा ने स्वास्थ मंत्री तुलसी सिलावट से इस्तीफा कि मांग की। भाजपा के महिला मोर्चा एवं चिकित्सा प्रकोष्ठ ने आरोप लगाया है कि फर्श पर डिलेवरी और नवजात की मौत के जिम्मेदार विभागीय मंत्री हैं। भाजपा जिला अध्यक्ष विकास विरानी का आरोप है कि घटना पर सरकार गंभीर नहीं हैं। मंत्री प्रचार-प्रचार के लिए अस्पताल पहुँचकर हंसी-मज़ाक कर रहे हैं। उन्हे इस्तीफा दे देना चाहिए।