भोपाल। (सुलेखा सिंगोरिया)छात्रों को विदेश जाकर अध्ययन करने मे मदद के लिए प्रदेश सरकार ने 2017 मे विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति योजना शुरू कि थी। योजना ऐसे स्टूडेंट्स के लिए है, जो विदेश जाकर पीजी या पीएचडी कि पढ़ाई करना चाहते हैं, लेकिन सूबे के कई स्टूडेंट्स को स्नातक एसटीआर पर मिलने वाली इन स्कॉलरशिप के बारे जानकारी ही नहीं हैं। इसी का नतीजा हैं कि मप्र सरकार को बार-बार विज्ञापन निकालने के बाद भी शैक्षिणिक अध्ययन के लिए विदेश जाने वाले स्टूडेंट्स ही नहीं मिल रहे हैं। स्कॉलरशिप के लिए उच्च शिक्षा विभाग कुल 4 विज्ञापन निकाल चुका है।लेकिन स्टूडेंट्स मिले सिर्फ चार। इस योजना के तहत उच्च शिक्षा विभाग साल मे दो बार विज्ञापन जारी करता है एक बार मे 20 स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप दी जाती हैं यानि एक साल मे 40 बच्चे पढ़ाई के लिए विदेश जा सकते हैं। अधिकारियों का कहना हैं विभाग कि वेबसाइट पर स्कॉलरशिप के बारे मे पूरी जानकारी उपलब्ध हैं। इसके अलावा हर साल जनवरी और जुलाई मे देश के तीन बड़े अखबारों मे विज्ञापन भी प्रकाशित कराते हैं।
स्टूडेंट्स कि कमी का कारण अंग्रेजी - स्कॉलरशिप के लिए कम आवेदन आने कि बड़ी वजह अंग्रेजी हैं। सामान्य वर्ग के बच्चो के लिए शुरू कि इस योजना का ज़्यादातर स्टूडेंट्स को का पता ही नहीं होता हैं। इस योजना के बारे मे कॉलेजो मे बताया नहीं जाता हैं। परंपरागत पाठयक्रम कि बाध्यता के चलते भी इसके लिए कम आवेदन आ रहे हैं।