इंदौर। इंदौर मे महिला उत्पीड़न से जुड़े मामले कि सुनवाई करने आई, महिला आयोग कि अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि जब पुलिस नहीं सुनती है तो पीड़ित महिलाए हमारे पास आती हैं, हम भी पुलिस के माध्यम से ही उनकी मदद करते हैं। कई मामले ऐसे होते हैं, जिनमे जांच प्रक्रिया मे ही तीन से चार साल लगा दिए और कोर्ट मे केस ही प्रस्तुत नहीं किया। यह बहुत ही गंभीर बात हैं। बच्चियो पर हो रहे अपराधो पर उन्होने कहा कि जिस तरह का माहौल बच्चे घर मे देखरहे हैं, वैसे ही उनकी सोच बन रही हैं। उन्हे आसानी से मिल रहे फ्री इन्टरनेट को भी जिम्मेदार माना। उन्होने बताया कि विदेश कि तुलना मे भारत मे इन्टरनेट सस्ता हैं। बच्चो को यह नहीं पता कि उन्हे कौनसी साइट देखना हैं। कौन सी नहीं, जबकि विदेशो मे लोगो मे परिवक्वता भारत कि तुलना मे ज़्यादा हैं। अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि- मेरे पास 2012, 2014 और 2017 के ऐसे मामले आए हैं। जिसमे पुलिस ने चार्टशीट ही फाइल नहीं की। 2017 मे एक ऐसा मामला सामने आया,इंदौर की पीड़िता अपने सहकर्मी के साथ मुंबई मे एक वर्कशॉप मे शामिल होने गई थी। वहाँ पीड़िता के साथ अभद्रता हुई। इंदौर लौटकर उन्होने प्रबंधन से इसकी शिकायत की इसके बाद थाने मे भी शिकायत की। पीड़िता ने बताया की जब वह पुलिस के पास केस दर्ज करने पहुंची तो पुलिस ने कहा की ताली दोनों हाथ से बजती हैं। अगर पुलिस की सोच इस प्रकार है तो सोचिए न्याय कैसे होगा।
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