भोपाल।(सुलेखा सिंगोरिया) नगर-निगम सफाई व्यवस्था के लिए तीन और पानी सप्लाई के लिए चार अलग-अलग टैक्स वसूलता हैं। इन सबसे के कुल 125 करोड़ रूपय तक कि आय निगम को होती हैं। इसके बावजूद अपनी बेसिक जिम्मेदारिया निभाने मे नाकाम हैं। लोगो को पता ही नहीं होता हैं कि नगर निगम किस तरीके से उनसे चुपचाप टैक्स वसूली करती हैं।
जब हम सम्पत्ति कर जमा करते है तो इसके साथ ही 6 टैक्स और लिए जाते हैं। संपत्ति कर कि रसीद मे 5 टैक्स का जिक्र होता हैं। ओर 6 वे टैक्स कि रसीद अलग से मिलती हैं। सम्पत्ति कर कि राशि का 20 प्रतिशत समेकित कर होता हैं। समेकित कर के तीन भाग होते हैं। पहला स्वच्छता, दूसरा जल और तीसरा भाग प्रकाश व्यवस्था, यानि समेकित कर मे सफाई और पानी दोनों शामिल हैं इसके अलावा 250 रूपय का एक अनिवार्य समेकित कर भी लिया जाता हैं। यह भी सफाई, पानी और प्रकाश जैसी व्यवस्थाओ का होता हैं। आपके घर से हो रहे डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन का शुल्क लिया जा रहा हैं। इसके बाद पानी का बिल 180 रूपय मासिक अलग से लगता हैं।
कमिश्नर, नगर निगम, बी विजय दत्ता.....नगर निगम जितने भी टैक्स ले रहा हैं। सबका उद्देश्य अलग-अलग हैं। वे सब नियमानुसार है। परिषद मे प्रस्ताव पारित करने के बाद ही टैक्स लगाए गए हैं। शासन से अनुमति लेकर एक ही मद मे वसूली पर विचार किया जा सकता हैं।