भोपाल।(सुलेखा सिंगोरिया) हर माह जीएसटी कलेक्शन 1 लाख करोड़ रूपय से ज़्यादा हो गया हैं, इसलिए राहत मिलने के आसार बड़ सकते हैं। जीएसटी काउंसिल की शुक्रवार को होने वाली 35वी बैठक मे इलेक्ट्रिक वाहनो पर टैक्स 12% से घटाकर 5% किया जा सकता हैं। साथ ही तय सीमा से अधिक दाम वसूलने वालों की निगरानी के लिए गठित एंटी प्राफ़िटियरिंग अथॉरिटी (एनएए) का कार्यकाल 30 नबम्बर 2020 तक बढ़ेगा।
काउंसिल की बैठक मे टैक्स चोरी रोकने के लिए सालाना 50 करोड़ रूपय से अधिक टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए ई-इनवॉइस अनिवार्य करने पर भी विचार होगा। सभी राज्यो से सिनेमाघर और मल्टीप्लेक्स मे ई-टिकट की अनिवार्य किया जा सकता हैं। राज्य सरकारो के सक्षम अधिकारियों द्वारा एक ही विषय पर विरोधाभाषी ऑर्डर दिए जाने से पैदा होने वाली गफलत दूर करने के लिए एक अपीलेट अथॉरिटी बन सकती हैं। इससे कारोबारियों को फायदा होगा। जीएसटी विशेषज्ञ मुकुल शर्मा का कहना है कि जीएसटी रिफ़ंड मे सिंगल विंडो होने से देशभर के 12 लाख से अधिक ट्रेडर्स को फायदा होगा। अभी देश मे 1.21 करोड़ पंजीकृत ट्रेडर्स हैं। इनमे 10 प्रतिशत ट्रेडर्स रिफ़ंड लेते हैं। इनमे ज़्यादातर आयात निर्यात से जुड़े कारोबारों, छोटे उधमी और सप्लायर हैं।