भोपाल।(सुलेखा सिंगोरिया) पुलिस के द्वारा की जा रही बेरहमी और गुंडागर्दी के चलते हालही मे शिवम मिश्रा ने अपनी जन गवा दी हैं। वही फिर से पुलिस ने अपना एक और कारनामा पेश कर दिया हैं। नवजीवन कॉलोनी, छोला निवासी 27 वर्षीय अरविंद गौर जो काजी कैंप स्थित एक मेडिकल स्टोर मे कर्मचारी हैं। अरविंद ने बताया कि करीब साढ़े चार बजे वह कैंची छोला होते हुई बैक से जा रहा था। तभी एक लोडिंग ऑटो ने बैक को टक्कर मार दी। हादसे को लेकर अरविंद कि ड्राइवर से बहस होने लगी तभी वहा से छोला थाने मे पदस्थ सिपाही शिवराज आ गए। आते ही बोले कि तू गुंडागर्दी करता हैं, चल थाने। फिर थाने लाकर अन्य स्टाफ के साथ इतना पीटा कि बायां हाथ फैक्चर हो गया। और जेब मे रखे पाँच हज़ार रूपय भी निकाल लिए। इस संबंध मे अरविंद मे पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और गृहमंत्री बाला बच्चन से लिखित शिकायत की हैं। दोनों ने आरोपी पुलिसकर्मी पर कार्रवाई करने का आसवासन दिलाया हैं।
इन सभी घटनाओ को देखा कर भी सरकार या पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की ज़िम्मेदारी नहीं बनती है कि वह इस प्रकार से बेरहमी भरा रेवैया करने वाले पुलिस कर्मचारियो के खिलाफ कुछ सख्त कदम उठाए आम नागरिकों को परेशान करना अपनी वर्दी का दम दिखाकर किसी भी नागरिक के साथ ऐसे व्यवहार करना आखिर कहाँ तक सही हैं? जब किसी बच्ची के साथ कोई दुष्कर्म होता हैं उस समय पुलिस वालों मे गर्मी नहीं आती हैं क्यो? आए दिन बच्चियो के साथ दुष्कर्म किए जा रहे हैं प्रशासन सो रहा हैं पुलिस जनता को मारने पीटने मे लगी हैं। क्या यही है हमारे देश का भविष्य? जहां किसी शिवम मिश्रा जैसे युवक द्वारा रेलिंग से कार टकराकर दुर्घटनाग्रस्त होने पर उसकी जान ले ली जाए। और यही छोटी मासूम बच्चियो के साथ किए जा रहे दुष्कर्म के आरोपियों को पकडने मे हफ़्तों लगा दिये जाये।