भोपाल।(सुलेखा सिंगोरिया) सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन करते हुई आरटीओ संजय तिवारी ने बसों कि जांच के लिए तीन आरटीओ के नेतृत्व मे बनाई गई हैं। सोमवार को शैक्षणिक संस्थानो कि बसों कि जांच करने का अभियान शुरू कर दिया। जांच के दौरान टीम को कई गंभीर खामियाँ मिली। कुछ बसो मे इमरजेंसी एक्जिट तक सीटे लगी थी। गेट सही तरीके से नहीं खुल रहे हैं। इमरजेंसी ब्रेक लाइट नहीं जल रही हैं। सुरक्षा के लिहाज से इस तरह की बड़ी खामिया भी बड़ी संख्या मे पाई गई हैं। हालांकि आरटीओ ने खामियाँ मिलने पर प्रबन्धनो को नोटिस देकर 7 दिन मे बसो को दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं। पहले दिन आरटीओ की तीन टीमो ने कोलार, रायसेन रोड, और रातीबड इलाको मे 205 बसो की जांच की।
सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन :
- बसों मे स्कूल का नाम व टेलीफोन नंबर लिखा होना चाहिए।
- बसों का उपयोग स्कूली गतिविधियो व परिवहन के लिए ही किया जाएगा।
- वाहन पर पीला रंग हो, जिसके बीच मे नीले रंग की पट्टी पर स्कूल का नाम होना चाहिए।
- वाहन चालक को कम से कम 5 पाँच साल का वाहन चलाने का अनुभव होना चाहिए।
- बसो मे जीपीएस डिवाइस लगी होनी चाहिए ।
- बस मे अग्निशमन यंत्र रखा होना चाहिए ।
- दरवाजे ताले यक्त होने चाहिये।
- बस मे हमेशा फास्ट एड बॉक्स हो बस मे सीसीटीवी भी इंस्ट्रोल होना चाहिए।
- स्पीड गवर्नर लगा हो और उसकी स्पीड 40 किलोमीटर प्रतिघंटा से ज़्यादा नहीं हो।