भोपाल।(सुलेखा सिंगोरिया) भोपाल को स्मार्ट सिटी बनाने मे तो नगर निगम पिछड़ रह ही रहा हैं साथ ही अब कचरे से बिजली बनाने का प्लान भी फेल होता दिख रहा हैं। नगर निगम का प्लान था कि स्मार्ट सिटी से ट्रांसफर स्टेशन तैयार कराए। और इन ट्रांसफर स्टेशनो पर कम्पोस्ट यूनिट व बायो मिथिनाइजेशन प्लांट लगाए। निगम का इरादा था कि लगभग आधा कचरा ट्रांसफर स्टेशनो पर प्रोसेस हो जाए और शेष कचरे कि प्रोसेसिंग आदमपुर छावनी मे हो जाए। लेकिन बिजली प्लांट लगाने का प्रोजेक्ट तो ठप हो गया हैं। आग लगाने से कम्पोस्ट बनाने का कारख़ाना भी बंद पड़ा हैं। इसका असर यह हो रहा हैं कि यहाँ रोजाना 600 मीट्रिक टन कचरा उसी तरह डंप हो रहा हैं, जैसे भानपुर खंती मे होता था। हालातो को देखकर कहा जा सकता हैं कि स्थिति नहीं सुधरी तो स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 में भोपाल का पिछड़ना तय हैं।
प्रोजेक्ट डायरेक्टर, नारायण राव, एस्सेल इंफ्रा- अभी भी उम्मीद है कि पीपीए का मामला सुलझ जाएगा। एग्रीमेंट मे ही प्रावधान है कि पीपीए के बाद ही अगली कार्रवाई हो सकती हैं। इसके लिए हम इंतज़ार कर रहे हैं।