भोपाल।(सुलेखा सिंगोरिया) शहर मे 4 लाख 30 हजार बिजली उपभोक्ता हैं। इसमे से करीब 80 हजार को एवरेज बिल दिया जा रहा हैं। आए दिन कलेक्टर की जनसुनवाई मे बिलो की गड़बड़ी के कई मामले पहुंचे रहे हैं। अयोध्या बायपास निवासी बीके ग्रोवर के घर जून माह का एवरेज बिल आया हैं। जबकि उनका परिवार बिजली का इस्तेमाल कर रहा हैं। एवरेज बिल का मतलब है जिनकी रेडिंग नहीं होती उन्हे मिसिंग मे डाल दिया जाता हैं। ऐसे उपभोक्ताओ की एक महीने तो रीडिंग हुई हैं, लेकिन दूसरी महीने नहीं हो पाई तो सॉफ्टवेयर मे उनका एवरेज बिल जनरेट हो जाता हैं। एवरेज मे 12 महीने का बिल बांटकर एक महीने का बिल दे दिया जाता हैं। इसे ही एवरेज़ बिल कहते हैं। इसके अलावा कुम्हार मोहल्ले निवासी कांता बाई को मई का 3000 रुपए का बिल थमा दिया। एवरेज बिल के नाम पर खपत ज़्यादा दर्शाकर यह बिल थमाया हैं। दरअसल, मध्य क्षेत्र विधुत वितरण कंपनी ने दो साल पहले हैदराबाद की एक निजी एजेंसी को स्पॉट बिलिंग का कम दिया था। उससे पहले एक लोकल एजेंसी के 100 से ज़्यादा कर्मचारी स्पॉट बिलिंग और मीटर रीडिंग कर रहे हैं। बिलो की गड़बड़ी की एक वजह यह भी है, कर्मचारी बार बार बदलने से रीडिंग दस दिन की देरी से हो रही हैं। वही इन कर्मचारियो को समय पर पेमेंट नहीं मिल रहा, जिसके चलते वे अपने कार्य मे अनियमितता बरत रहे हैं।
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