नई दिल्ली। वेकेशन मे काम कर रही बैंच का फायदा उठ कर वकील ने चालाकी से लिया स्टे, जिससे जस्टिस अरुण मिश्रा का फूटा गुस्सा, वकीलो को लगाई फटकार। दरअसल, केरल के एर्नाकुलम जिले की मराडु नगर पालिका क्षेत्र मे कोस्टल रेगुलेटरी जॉन मे बनी अवैध इमारतों को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने 8 मई को दिए अपने फैसले मे ढहाने का आदेश जारी किया था। वकीलो ने चालाकी बरतते हुए इस मामले को जस्टिस इन्दिरा बनर्जी और जस्टिस अजय रस्तोगी की अवकाश कालीन पीठ के सामने रखा। वकीलो ने पीठ से यह जानकारी छिपाई की उक्त मामले मे अवैध इमारतों को ढहाने का आदेश जस्टिस मिश्रा की पीठ पहले ही दे चुकी थी। अवकाशकालीन पेट ने अवैध निर्माण को ढहाने पर रोक लगा दी थी। जस्टिस अरुण मिश्रा ने शुक्रवार को एक वकील की यह चालाकी पकड़ ली। इसी को लेकर उन्होने सीनियर वकीलो को शीर्ष कोर्ट के साथ धोखाधड़ी पर कड़ी फटकार लगाई। जस्टिस मिश्रा ने वकील से कहाँ कि तुम्हारे अंदर नैतिकता नाम कि कोई चीज हैं या नहीं? क्या पैसा ही तुम्हारे लिए सब कुछ हो गया हैं? इस चालाकी पर जमकर गुस्सा निकाला। साथ ही कोर्ट के साथ धोखाधड़ी का मामला माना और अवैध इमारतों को ढहाने का आदेश भी फिर से जारी किया।
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