भोपाल।(सुलेखा सिंगोरिया) लाख शिफारसों के बाद भी यह सच छिपाया नहीं जा सकता की सरकारी स्कूलो के बच्चो की पढ़ाई की असलियत कुछ इस प्रकार हैं। सोमवार सुबह कलेक्टर सहित कई अधिकारी और रिटायर्ड आईएएस अफसर माला श्रीवास्तव ओल्ड कैंपियन मैदान के पास नवीन हायर सेकेंडरी स्कूल पहुंची। उन्होने वहाँ पर 10वी के स्टूडेंट्स से राष्ट्रपति का नाम पूछा तो बच्चे जबाव नहीं दे पाये। सरकार सरकारी स्कूलो को बेहतर बनाने के लाख दावे करे लेकिन सच यही हैं कि सरकारी स्कूलो की हालात बेहतर होना एक असंभव ही साकार होने वाला सपना हैं। कलेक्टर तरुण पिथौड़े कि पहल पर शुरू कि गई, नि:शुल्क कोचिंग के पहले चरण मे 17 बच्चो का चयन किया गया हैं। कलेक्टर तरुण पिथौड़े का कहना हैं बच्चो को वही सिखाया जाए जो उनके लिए ज़रूरी हैं। साथ ही बच्चो को पढ़ाई करने के कुछ अहम तरीके बताए, पहले पूछा- आपको सबसे कठिन विषय कौन-सा लगता हैं? तो बच्चो ने मैथ, अँग्रेजी ओर साइंस बताया। कलेक्टर पिथौड़े ने कहा अँग्रेजी कठिन लगती हैं तो दोस्तो के साथ ग्रुप बनाओ ओर आपस मे अँग्रेजी मे बात करो । गणित के सवालो को बार-बार करो। जो विषय सबसे कठिन लगता हैं उसको सबसे ज़्यादा टाइम दो। पढ़ाई करने के लिए टाइम टेबल बनाओ। पढ़ाई के लिए किताबे नहीं हैं। फीस के लिए पैसे नहीं हैं या स्कूल मे पढ़ाई ठीक से नहीं हो रही हैं, तो मुझे लेटर लिख सकते हैं, समस्या का समाधान होगा।
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