लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मॉब लिंचिंग की घटनाओं को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेहद गंभीरता से लिया है। उनकी पहल पर राज्य विधि आयोग ने ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए सख्त सजा का प्रावधान किया है। विधि आयोग के अध्यक्ष आदित्य नाथ मित्तल ने मॉब लिंचिंग की रिपोर्ट के साथ तैयार मसौदा विधेयक यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष पेश किया है। आयोग ने मॉब लिंचिंग की प्रकृति के अनुरूप अपराधी को 7 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का सुझाव दिया है। आयोग ने कहा है कि इस कानून को उत्तर प्रदेश मॉब लिंचिंग निषेध एक्ट नाम दिया जा सकता है। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में पुलिस अधिकारियों और जिला अधिकारियों की जिम्मेदारियों को भी निर्धारित किया है। मॉब लिंचिंग के दौरान यदि इनकी ड्यूटी में लापरवाही बरतने की बात सामने आती है, तो उन्हें दंडित करने का प्रावधान भी है। साथ ही कहा गया है कि पीड़ित व्यक्ति के परिवार को 5 लाख रूपय की आर्थिक सहायता देने का भी प्रावधान हैं। पीड़ित को हल्की चोट आने पर दोषी को सात साल और गंभीर चोट आने पर 10 साल की सजा देने का भी प्रावधान हैं।
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