भोपाल।(सुलेखा सिंगोरिया) पुलिस चौकी के हाल कुछ इस तरह बेहाल हो रखे हैं कि थाने में आज भी आरोपी को बेंच से बांधकर रखा जाता है। पुलिस चौकी से थाना बने छोला मंदिर थाने को आठ साल बीते गए, लेकिन अब भी यहां न तो लॉकअप है और न ही महिला प्रसाधन। नगर निगम भवन के टपरे में संचालित इस थाने में लॉकअप न होने के कारण आरोपियों को बेंच से बांधकर रखा जाता है। और उस पर नजर रखने के लिए एक संतरी की तैनाती रहती है। ताकि वह भाग न जाए। इस थाने का नया भवन बनने का मसला इन दिनों टीएंडसीपी में अटका है। थाने के बगल में सरकार से आवंटित दस हजार वर्गफीट जमीन का लैंड यूज बदला जाना है। थाने की इसी बदहाली का फायदा उठाकर जून 2017 में दो बदमाश हथकड़ी खोलकर फरार हो गए थे। लेकिन अभी भी सुधार के आसार नहीं दिख रहे हैं। यह केवल एक थाने कि बात नहीं हैं। चूना भट्टी थाने के भी यही हाल हैं। यहां महिला प्रसाधन तो है, लेकिन लॉकअप नहीं। यदि कोई अपराधी को पकड़ा तो उसे रात में दूसरे थानों में शिफ्ट करना पड़ता है। वजह ये है कि ये थाना भी किराए की बिल्डिंग में संचालित हो रहा है। टीएंडसीपी डायरेक्टर राहुल जैन का कहना है कि पुलिस की ओर से इस थाने के लिए भूमि आवंटन के लिए आए प्रस्ताव पर विधिक प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस थाने के लिए स्वर्ण जयंती पार्क के पास 20 हजार वर्गफीट जमीन शासन से आवंटित है, जिसका लैंड यूज चेंज होना है।
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