गुना। तंवर समुदाय ने पुलिस पर किया हमला। शुक्रवार सुबह चांचौड़ा के कुख्यात कालापीपल गांव में फरार वारंटियों को पकड़ने के लिए भील बहुल बस्ती में छिपे तीन थानों के 90 से ज्यादा पुलिसकर्मी उन्होंने पत्थर बरसाने के साथ 25 - 30 राउंड फायर भी किए। हमले में एक सब इंस्पेक्टर सहित 9 पुलिसकर्मी घायल हो गए। साथ ही उनके वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए। 2007 में इसी इलाके में पुलिस पर हुए भीलों के हमले में तत्कालीन थाना प्रभारी वीर सिंह सप्रे की मौत हो गई थी।
चांचौड़ा, थाना प्रभारी, रामसिंह ने बताया- हम सुबह 8.30 बजे गांव में दाखिल हुए थे। मेरे साथ कुंभराज थाना प्रभारी अनिल कदम और जंजाली चौकी प्रभारी अरुण बिहोरिया भी थे। गांव में पहुंचते ही हम अलग-अलग टुकड़ियो में बंट गए थे। हमारा मकसद भील इलाके के वारंटियों को पकड़ना था। हमारे वहां पहुंचते ही भागदौड़ मच गई। भील भाग रहे थे, हम उनके पीछे लगे हुए थे। इसी दौरान 15-16 पुलिसकर्मियो की एक टुकड़ी उस इलाके में चली गई, जहां तंवर समुदाय की पंचायत चल रही थी। पुलिस को देखते ही राजस्थान पक्ष के तंवरों को लगा कि कालापीपल वालों ने उनके साथ धोखा किया है। समझौता वार्ता के बहाने हमें बुलाकर अब पुलिस के हवाले करने की तैयारी है। बस उन्होंने हमला कर दिया। कम से कम 25 से 30 राउंड फायर हुए होंगे। एक सब इंस्पेक्टर सहित 9 पुलिसकर्मी घायल हो गए।