भोपाल(सुलेखा सिंगोरिया) दूध मे की जा रही मिलावट के जांच के दौरान सामने आया हैं कि दूध मे पानी के अलावा यूरिया और शकर की मिलावट तो की ही जा रही है, साथ ही ज़्यादा दूध निकालने के लिए किए गाय-भैंस को एंटीबायोटिक्स दिए जा रहे हैं। फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई ) की नेशनल मिल्क सर्वे 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलो में मिल्क वेंडर, पार्लर, डेयरी और सहकारी दुग्ध संघो की डेयरी प्लांट और पैकेज्ड दूध के 335 सैंपल लिए गए थे। इनमें से 41 नमूनों में जांच के दौरान यूरिया, एंटीबायोटिक्स, शकर, माल्टोज डेक्सट्रिन, ग्लूकोज, सल्फोनामाइड, ट्रेट्रासाइक्लिन, क्यूनोल्स मिले हैं। इससे सरकारी और निजी डेयरियो पर बिक रहे दूध की क्वालिटी कंट्रोल करने के लिए डेयरियो में बनी लैब में हो रही दूध की जांच रिपोर्ट्स पर सवाल उठ रहे हैं।
कार्रवाई के लिए 10 टीमे गठित- मिलावट की जांच के लिए सिंथेटिक दूध, मावा, पनीर और घी बेचने वाले भिंड, मुरैना, ग्वालियर, दमोह, शिवपुरी, सागर में कारोबारियो पर कार्रवाई करने के लिए संचालक खाद्य सुरक्षा व नियंत्रक ने 10 टीमें गठित की हैं। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के नोडल अधिकारी अरविंद पथरौल ने बताया कि रविवार को प्रदेशभर से दूध और दूध से बने उत्पादों के 82 सैंपल लिए हैं। इनकी जांच जारी है।
शमीमुद्दीन, सीईओ, भोपाल दुग्ध संघ- एफएसएसएआर्ई ने सांची दूध में मिलावट की रिपोर्ट साझा नहीं की है। इस मामले में सोमवार को एफएसएआई से जानकारी मंगाएंगे। ताकि इस मामले में आगे कोई कार्रवाई की जा सके।