भोपाल सात जनवरी 2012 को उज्जैन के पास रेलवे ट्रैक पर नम्रता डामोर की लाश पड़ी मिली थी। प्रारंभ में पुलिस ने इसे हत्या का प्रकरण माना था। हालांकि बाद में मेडिको लीगल संस्थान की रिपोर्ट पर आत्महत्या का मामला बताकर यह फाइल बंद कर दी गई। पत्रकार अक्षय सिंह की मौत भी नम्रता के मेघनगर स्थित घर पर हुई थी। अक्षय एक न्यूज चैनल के लिए व्यापम घोटाले की कवरेज के लिए मेघनगर गए थे। सीबीआई का अनुमान है कि नम्रता की मौत की घटना व्यापम घोटाले से जुड़ी मौतों का पहला मामला है। सीबीआई ने शुक्रवार को तीन और एफआईआर दर्ज की है। इनमे से एक केस मेडिकल छात्र नम्रता का भी हैं नम्रता के पिता ने इसे हत्या का केस बताया था। उन्होंने मामले की सीबीआई जांच कराने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व राज्य के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखे थे लेकिन उनकी मांग अनसुनी कर दी गई थी। इस केस में सीबीआई ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ आईपीसी की धारा-302 के तहत मामला दर्ज किया है। इसके अलावा पीएमटी-2010 में हुई गड़बड़ी के मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ भी दो एफआईआर दर्ज की गई है।
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