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हाईकोर्ट ने सुनाया ऋषिराज-दीक्षा के हित मे फैसला।

भोपाल। इलाहाबाद के व्यवसायी पवन अग्रवाल की बेटी दीक्षा ने 5 जुलाई 2019 को ऋतुराज से हिन्दू रीति-रिवाज से शादी की थी। दोनों ने 6 जुलाई को नगर निगम में विवाह का पंजीयन भी कराया था। शादी के बाद दीक्षा और ऋषिराज ने दीक्षा के परिवार से खुद को बचाने के लिए पुलिस ने एफआईआर कराया था लेकिन कुछ नहीं हुआ। इसके बाद दोनों ने हाईकोर्ट की शरण ली।  ऑनर किलिंग की आशंका के चलते ए सेक्टर राजहर्ष कॉलोनी, कोलार रोड निवासी ऋतुराज द्वारा दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने भोपाल पुलिस को प्रेमी जोड़े को सुरक्षा प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। जस्टिस विशाल धगट की एकलपीठ ने यह भी कहा कि मप्र पुलिस की अनुमति बिना यूपी पुलिस इलाहाबाद में दर्ज अपहरण के मामले में दीक्षा-ऋतुराज से पूछताछ नहीं कर सकती। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिए कि दीक्षा की इच्छा के बिना उनके परिवार के सदस्य उससे नहीं मिल सकते। दरअसल, इलाहाबाद के पूर्व उप महापौर मुरारीलाल अग्रवाल की पोती दीक्षा अग्रवाल और भोपाल के ऋतुराज सिंह राजपूत ने घर से भागकर लव मैरिज की।  दीक्षा के परिवार को जानकारी मिलने पर 7 जुलाई को दीक्षा के दादा मुरारीलाल, पिता, बुआ, फूफा अन्य लोगों के साथ ऋतुराज के घर पहुंचे थे। उन्होंने परिवार वालों से बदसलूकी की। ऋतुराज के पिता ने कोलार थाने में शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। दीक्षा के पिता ने 14 जुलाई को प्रयागराज (इलाहाबाद) के सिविल लाइन थाने में ऋतुराज, उनके पिता और मां के खिलाफ अपहरण समेत अन्य धाराओं में एफआईआर कराई थी। आरोप लगाया था कि दीक्षा के नाम करोड़ों की संपत्ति पर ऋतुराज की नजर थी, इसलिए अपहरण किया गया। दीक्षा घर से 30 लाख का सोना और दो लाख रुपए नगद लेकर गई है।

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प्रधान संपादक समाचार संपादक
सैफु द्घीन सैफी डॉ मीनू पाण्ड्य
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