भोपाल। दिगंबर जैन धर्मशाला में मुनिश्री ने कहा कि जीवन में सफलता और प्रसन्नता दोनों में से यदि एक मिले तो प्रसन्नता को प्रसन्न करो, क्योंकि प्रसन्नता है तो सफलता निश्चित मिलेगी। साथ ही धर्म सभाओं में सभी को सत्य, धर्म की राह पर चलने के साथ ही स्वयं और बच्चों को संस्कारवान बनाने की सीख दी जा रही है। बुधवार को दिगंबर जैन धर्मशाला में मुनिश्री प्रसाद सागर ने सभी से हिंदी भाषा का अधिकाधिक उपयोग करने पर जोर देते हुए कहा कि जैसे हमारे अंतरंग के भाव होंगे, वैसी हमारी भाषा होगी। राष्ट्र भाषा हिन्दी, भारत देश की आत्मा है। वर्तमान में सभी शासकीय कार्यालयों, न्यायालयों एवं न्यायिक व्यवस्था, शासकीय उपक्रमों व बैंकों में हिन्दी का उपयोग आवश्यक हो जाना चाहिए। जैसे अंतरंग के भाव होगे, वैसी ही भाषा होगी।
दूसरी ओर मारवाड़ी रोड स्थित श्वेतांबर जैन मंदिर में अनुष्ठान व प्रवचन हो रहे हैं। मंदिर कमेटी द्वारा रविवार को 70 साल और इससे अधिक आयु के 30 से अधिक बुजुर्गों का सम्मान करेंगे। श्वेतांबर जैन मंदिर में साध्वी अक्षय ज्योतिश्रीजी व निराग ज्योतिश्रीजी चातुर्मास कर रही हैं। वे प्रतिदिन प्रवचन में जैन समाज के सिद्धांत, दर्शन व अध्यात्म संबंधी शिक्षा दे रही हैं। समाज के अध्यक्ष राजेश तांतेड़ ने बताया कि रविवार को मंदिर में समाज के 30 से अधिक बुजुर्गों को मंच पर बुलाकर वंदन कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसमें उनके चरण पखार कर उनका सम्मान किया जाएगा।