भोपाल(सुलेखा सिंगोरिया) पाँच घंटे मे कमलनाथ ने दिखाई अपनी ताकत, कॉंग्रेस सरकार को सुरक्षित कर लिया भाजपा को एक बड़ा झटका देकर कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस की सरकार गिरने के बाद मध्य प्रदेश में भी वैसी ही स्थिति होने की संभावना का दावा करने वाली बीजेपी को बुधवार को बड़ा झटका लगा। जब राज्य की विधानसभा में कमलनाथ सरकार द्वारा पेश एक बिल पर मत विभाजन के दौरान बीजेपी के दो विधायक नारायण त्रिपाठी और शरद कोल ने न सिर्फ सरकार का साथ दिया, बल्कि उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने के स्पष्ट संकेत दिए। दरअसल, सदन में दंड विधि संशोधन विधेयक पर बहस हो रही थी। BSP विधायक संजीव सिंह इस पर वोटिंग की मांग पर अड़ गए, विधानसभा में पक्ष और विपक्ष में तीखी बहस होने लगी। विपक्ष ने कहा, विधेयक सर्वसम्मत्ति से पास कराया जाए, लेकिन सत्तापक्ष वोटिंग के जरिये सदन में बहुमत साबित करने पर अड़ा रहा। बुधवार सुबह ही नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने विधानसभा में धमकी दी थी कि बस हमें नंबर 1 और 2 के इशारे का इंतज़ार है। इजाज़त मिलते ही कमलनाथ सरकार को गिराने में 24 घंटे भी नहीं लगेंगे। इस पर सीएम कमलनाथ ने उन्हें अविश्वास प्रस्ताव लाने की चुनौती दी थी। साथ ही कहा था कि हमारी सरकार 5 साल डटकर चलेगी। शाम होते-होते कमलनाथ ने अपनी बात साबित भी कर दी।
सीएम कमलनाथ का बयान-
इस बड़ी कूटनीतिक जीत के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा- ये सिर्फ एक विधेयक पर मतदान नहीं था, बल्कि बहुमत साबित करने के लिए मतदान था। उन्होंने कहा-दूध का दूध, पानी का पानी हो गया। हमारी सरकार पूर्ण बहुमत की सरकार है। अल्पमत की सरकार नहीं। शरद कोल और नारायण त्रिपाठी ने हमारा साथ दिया।