नई दिल्ली। बढ़ते दुष्कर्म को देखते हुए गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश देते हुए कहा कि वह हर उन जिले में पोस्कों न्यायालयों की स्थापना करें, जिन जिलो मे अदालत नहीं हैं। इनकी स्थापना ऐसे जिलों में की जाए, जहां पोस्कों अधिनियम के तहत 100 या उससे अधिक मामले लंबित हैं। कोर्ट ने कहा कि विशेष अदालतों को 60 दिनों के अंदर-अंदर बच्चों पर यौन उत्पीड़न के मामलों की सुनवाई शुरु करने की कोशिश करनी चाहिए। साथ ही यह भी कहा कि वह 4 हफ्तों में इसकी प्रगति रिपोर्ट दाखिल करें। इन अदालतों का खर्च केंद्र सरकार उठाएगी। चीफ जस्टिस रंजन गोगाई की अध्यक्षता वाली बेंच ने आदेश ने कह कि पोस्कों केसो के लिए केंद्र सरकार प्रशिक्षित और संवेदनशील प्रोसीक्यूटर नियुक्त करे। इस फैसले पर टीम के स्टेटस की रिपोर्ट 30 दिन मे पेश करनी होगी।
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