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करोड़ो खर्च करने के बाद भी हमीदिया जस की तस, व्यवस्थाए पस्त।

भोपाल। आए दिन मरीजो के शिकायतों के बावजूद हमीदिया अस्पताल के हाल बेहाल ही बने हुए हैं। यहाँ की व्यवस्थाए दुरुस्त होने का नाम नहीं ले रही हैं। मरीज परेशान हो रहे हैं। लेकिन प्रबंधन को कोई फर्क नहीं हैं। यहां मरीजो को बेड नहीं मिल पा रहे हैं। ऐसे में एक बेड पर जहां दो-दो मरीजो को लिटाया जा रहा है। वहीं, कुछ पेशेंट बेड नहीं मिलने पर जमीन में लेटकर इलाज कराने को मजबूर हैं। हद तो यह है कि बेड नहीं मिलने पर पेशेंट को बैठे-बैठे रात काटनी पड़ रही है। इलाज के लिए हो रहे परेशान मरीजो को अस्पताल मे भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं।

मरीजो ने बताया अपनी कहानी- धार पिपलिया निवासी सुमनबाई को 10 दिन पहले गांव में सांड ने ठोकर मार दी थी। उन्हें दाएं हाथ में फ्रेक्चर के साथ ही कंधे में भी गंभीर चोट लगी है। परिजनो ने सुमनबाई को इलाज के लिए हमीदिया अस्पताल लेकर पहुंचे थे। यहां डॉक्टरो ने उन्हें भर्ती तो किया, लेकिन बेड नहीं दिया। उन्हें कभी किसी पेशेंट के बेड पर तो कभी दूसरे पेशेंट के बेड पर लिटा देते हैं। सुमनबाई का कहना है कि अब उनके चार बेड बदले जा चुके हैं। आलम यह है कि दूसरे पेशेंट के साथ बेड शेयर करने की सूरत में वे रात में सो नहीं पाती हैं। उन्हें बैठकर रात काटनी होती है। सागर निवासी अनामिका न बताया  तबियत खराब होने के कारण पिछले चार दिन से हमीदिया में भर्ती हैं। यहां उन्हें बेड तो मिला है, लेकिन पिछले तीन दिन से सुमनबाई को अनामिका के बेड पर ही लिटाया जा रहा है। अनामिका का कहना है कि रात के वक्त डर लगा रहता है कि कहीं गिर न जाएं। वही बच्चे का इलाज कराने आए परिजन, जहां अस्पताल के सर्जिकल वार्ड नंबर एक में बच्चे को बेड नहीं दिया गया है। ऐसे में परिजन बच्चे को वार्ड में ही जमीन पर लिटा कर इलाज कराने को मजबूर हैं। ऐसे में बारिश में मरीजों की चिंता और बढ़ गई हैं।

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प्रधान संपादक समाचार संपादक
सैफु द्घीन सैफी डॉ मीनू पाण्ड्य
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