भोपाल। रविवार को एमपी नगर जोन-1 में बने चित्तौड़ काम्प्लेक्स के सामने नगर निगम के डिमार्केशन को लेकर रहवासियों का आरोप है कि पिछले साल भी पीएससी की तैयारी कर रही एक छात्रा के साथ गैंगरेप की घटना हो चुकी है। इसके बाद भी निगम और प्रशासन इससे सबक लेने को तैयार नहीं है। इनका तर्क है कि ठेले लगने से सड़क पर गाड़ियां खड़ी होगी। इसके कारण विवाद होंगे। घरों से महिलाओं और कोचिंग से निकलने वाली छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं घटित हो सकती हैं, इसलिए ठेले वालों को रेलवे लाइन की तरफ जगह न दी जाए। इस दौरान रहवासियों ने निगम के कर्मचारियों से पूछा कि यहां पर डिमार्केशन का काम क्यों किया जा रहा है? कर्मचारियों ने जवाब दिया- यहां ठेले लगाए जाएंगे। रहवासियों की समझाइश के बाद भी निगम कर्मचारियों ने डिमार्केशन का काम नहीं रोका तो उन्होंने रेलवे के अफसरों को फोन लगा दिया। कुछ ही देर में पश्चिम मध्य रेलवे के एडीआरएम आरएस राजपूत अफसरों के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने निगम के डिप्टी सिटी इंजीनियर डीके शर्मा से पूछा कि रेलवे की जमीन पर किसकी अनुमति से डिमार्केशन काम किया जा रहा है, इसके बारे में कोई सूचना क्यों नहीं दी गई। इस पर शर्मा ने कहा कि निगम और प्रशासन के वरिष्ठ अफसरों की सहमति के बाद ही डिमार्केशन काम शुरू किया गया है। इस पर एडीआरएम ने सेक्शन इंजीनियर राहुल सोनी को बुलाया रेलवे लाइन से जमीन की नपती कर पिलर लगाने के निर्देश दिए। कुछ देर बाद पिलर लगाने काम शुरू कर दिया।
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