भोपाल। माँ के होसले के चलते मध्यप्रदेश में ओवरसीज स्कॉलरशिप के लिए चुने गए एक इकलौते व्यक्ति बने दिव्यांग श्रेणी। कोलार की सांईनाथ कॉलोनी में रहने वाले हर्ष वजीरानी भारत सरकार की ओवरसीज स्कॉलरशिप के लिए चयनित हुए हैं। हर्ष कहते हैं कि सिलेक्शन जरूर हो गया, लेकिन डेढ़ करोड़ रुपए की स्कॉलरशिप के लिए इतने ही रुपयों की साल्वेंसी मांगी गई। हमारे लिए डेढ़ करोड़ रुपए की साल्वेंसी जुटाना पहाड़ जैसा काम था। मां ने हार नहीं मानीं। केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत और विभाग के अफसरों से मिलीं। नियम बदला और तय हुआ कि 50 हजार रुपए की एफडी से काम चल जाएगा।
हर्ष कहते हैं कि हफ्ते भर में स्कॉलरशिप की पहली किस्त रिलीज हो जाएगी। मैं एयरो स्पेस इंजीनियरिंग के लिए ऑस्ट्रेलिया की सिडनी यूनिवर्सिटी जा रहा हूं। यूनिवर्सिटी ने मुझे दस लाख रुपए की अतिरिक्त स्कॉलरशिप दी है और टीचिंग के लिए भी मौका दिया है। मैं सेटेलाइट बस डिजाइन पर काम करना चाहता हूं।