भोपाल। ई-टेंडर घोटाले के आरोपी पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के निज सचिव वीरेंद्र पांडे और निर्मल अवस्थी की रविवार तीन दिन की रिमांड अवधि समाप्त होने पर जांच एजेंसी ने स्पेशल कोर्ट से आरोपियों की ई-टेंडर घोटाले में विस्तृत पूछताछ के लिए चार दिन की दोबारा रिमांड मांगी थी, जिसे कोर्ट ने मंजूर किया। दोनों आरोपियों को आठ अगस्त तक पुलिस रिमांड पर ईओडब्ल्यू को सौंप दिया है। ईओडब्ल्यू द्वारा दोनों आरोपियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज किया जा रहा है। वहीं, पूर्व मंत्री मिश्रा के करीबी मुकेश शर्मा से तीसरे दिन भी पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। ईओडब्ल्यू के मुताबिक ई-टेंडर घोटाले की जांच के दौरान सामने आया था कि पूर्व मंत्री मिश्रा के निज सचिव वीरेंद्र पांडे और निर्मल अवस्थी ने जल संसाधन विभाग के दो टेंडर सोरठिया वेल्जी कंपनी को दिलाए थे। रिमांड के दौरान दोनों आरोपियों से जांच एजेंसी को अहम जानकारी मिली हैं। इसके बाद रविवार को उन्हें कोर्ट में पेश कर दोबारा चार दिन की रिमांड पर लिया गया है। वहीं, एवीपीआर और जेएमसी प्रोजेक्ट कंपनियों को दो टेंडर दिलाने वाले मुकेश शर्मा से तीसरे दिन भी ईओडब्ल्यू ने पूछताछ करके छोड़ दिया। ईओडब्ल्यू ने इनकम टैक्स को नोटिस भेजकर मुकेश शर्मा के घर 2008 में हुई इनकम टैक्स की रेड के संबंध में जानकारी मांगी है। मुकेश की डायरी से इनकम टैक्स को दो कंपनियों नागार्जुन और सिंप्लेक्स से कमीशन के तौर पर लगभग 26 करोड़ रुपए का हिसाब मिला था।
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