नई दिल्ली। आजादी के 70 साल बाद शुक्रवार को कश्मीर को भी दोहरे संविधान और कानूनों से आखिरकार आजादी मिल गई। रविवार आधी रात जम्मू-कश्मीर में तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों को नजरबंद करने के बाद धारा-144 लगा दी गई थी। सोमवार सुबह कैबिनेट बैठक के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद में बदलाव के फैसलों की जानकारी संसद में दी। इसी के साथ अनुच्छेद 35ए भी खत्म हो गया। यानी अब कश्मीर से कन्याकुमारी तक एक संविधान और एक राष्ट्रीयध्वज होगा। शाह ने दूसरा बड़ा बिल जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशो में बांटने का पेश किया। राज्यसभा में इसके पक्ष में 125, जबकि विरोध में 61 वोट पड़े। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने बिल का विरोध किया, जबकि बसपा जैसे विरोधी दल समर्थन में रहे। बिल आज लोकसभा में पेश किया जाएगा। लोकसभा में भी इसे पास करने में कोई अड़चन नहीं आएगी।
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