ब्रेकिंग न्यूज़ भोपाल : शराब ठेकेदार के आदमियों ने सुनार पिता-पुत्र को रोककर की मारपीट |                टीकमगढ़ : गैस रिफिलिंग करते समय कार में लगी आग, मौके से भागा युवक |                बैतूल : हादसे में लोगों को बचाने आए ग्रामीणों को टवेरा ने कुचला, दो की मौत |                महिदपुर : डूब रहे किशोर को बचाने बुआ और चाची भी कूदीं, तीनों की मौत |                दतिया : उधारी के रुपए लेने मंडी जा रहे दो सगे भाइयों को कार ने मारी टक्कर, दोनों की मौत |                  
जिला अस्पताल का आलम, कोमा के मरीज का चूहे ने कुतरा तलवा।

रलताम। सरकारी अस्पताल के हाल, मरीजो को नुकसान पहुंचा रहे हैं चूहे, अस्पताल प्रबंधन को खबर ही नहीं। रतलाम के जिला अस्पताल के आईसीयू में भर्ती 27 साल के सूरजसिंह भाटी के पैर का पंजा चूहे कुतर गए। सूरज 2 माह 28 दिन से कोमा में है। घटना सोमवार सुबह 4 से 7 बजे के बीच की है। सूरज का 8 मई को बाइक से रिंगनोद जाते वक्त एक्सीडेंट हो गया था। यहां 29 मई से उनका इलाज चल रहा है। इस मामले मे जब  सिविल सर्जन डॉ. आनंद चंदेलकर से बात की तो उनका कहना था कि अस्पताल में 3 दिन पहले वन टाइम पेस्ट कंट्रोल किया था। पेस्ट कंट्रोल करने वालों को मरे हुए चूहों के फोटो भेजने को कहा था। उसने नहीं भेजे। मंगलवार को उन्हें अस्पताल बुलाया है।

इधर सूरज के पिता राजेंद्र सिंह ने बताया कि सूरज का 8 मई को ससुराल जाते समय एक्सीडेंट हो गया था। पहले इंदौर में इलाज चला फिर रतलाम के जिला अस्पताल में। 29 मई को हम जिला अस्पताल के आईसीयू में शिफ्ट हो गए थे। यहां 2 माह 6 दिन में कई बार ऐसा हुआ कि चूहे बेड के करीब से उछल-कूद करते हुए निकल गए, हालांकि हमने कभी ऐसा नहीं सोचा था कि ये चूहे हमें कोई नुकसान पहुंचा सकते हैं फिर भी हमने नर्सों से इसकी शिकायत कर दी थी।

रविवार की रात रोज की तरह हम सो गए थे, मैंने बेटे के पैरों पर चादर डाल दी। सुबह 4 बजे उठा, बेटे को देखा, चादर को एक बार फिर सही किया और सो गया... सुबह 7 बजे जब उठा तो बेटे के पैर से खून आ रहा था। पहले तो कुछ समझ नहीं आया कि अचानक ये क्या हो गया... आसपास देखा तो बिस्तर पर चमड़ी की बिखरी हुई थी। मैं चौंक गया...

समझ गया कि चूहों ने पैरों को कुतरा है। नर्सों को पूरी बात बताई, उन्होंने पैरों को साफ कर ड्रेसिंग कर दी। अब सोने में भी डर लगेगा... बेटे को देखता हूं तो वह सिर्फ मुझे देखता है, पलकें झपका लेता है। वह अपना दर्द भी नहीं बता सकता।’ 

Advertisment
 
प्रधान संपादक समाचार संपादक
सैफु द्घीन सैफी डॉ मीनू पाण्ड्य
Copyright © 2016-17 LOKJUNG.com              Service and private policy              Email : lokjung.saify@gmail.com