नई दिल्ली। भारत की पूर्व विदेश मंत्री और भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज का मंगलवार रात निधन हो गया। बुधवार शाम चार बजे दिल्ली में उनका अंतिम संस्कार होगा। सुषमा स्वराज ने अस्वस्थता के कारण ही पिछला लोकसभा चुनाव न लड़ने का फैसला लिया था। उनके इस निर्णय पर बीजेपी के ही समर्थकों में हैरानी थी। कई लोगों ने उनसे चुनाव लड़ने की अपील की थी। इस पर सुषमा स्वराज ने जवाब दिया था कि- मेरे चुनाव ना लड़ने से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता। श्री नरेंद्र मोदी जी को पुनः प्रधानमंत्री बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों को जिताने में हम सब जी जान लगा देंगे। नौ बार सांसद बनी सुषमा स्वराज आम लोगों मे अपार लोकप्रिय थीं। सुषमा स्वराज ट्विटर पर काफी सक्रिय रहती थीं उनको ट्वीटर पर एक करोड़ 20 लाख से अधिक लोग फॉलो करते थे। विदेश मंत्री रहते हुए वे ट्वीटर पर शिकायत मिलते ही विदेश मंत्रालय से जुड़ीं पासपोर्ट आदि समस्याओं का समाधान कर देती थीं। सुषमा स्वराज सन 1977 में सबसे कम उम्र की राज्यमंत्री बनी थीं। अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में वे सूचना एवं प्रसारण मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री रहीं।
16वीं लोकसभा में वे मध्यप्रदेश के विदिशा से सांसद चुनी गई थीं। सुषमा स्वराज विदिशा लोकसभा क्षेत्र से 2009 का चुनाव भी जीती थीं।
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि देते हुए
अपने ट्वीट्स में उन्होंने लिखा है- ''भारतीय राजनीति का एक महान अध्याय ख़त्म हो गया है। भारत अपने एक असाधारण नेता के निधन का शोक मना रहा है, जिन्होंने लोगों की सेवा और गरीबों की ज़िंदगी बेहतर के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। सुषमा स्वराज जी अनूठी थीं, जो करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत थीं। सुषमा जी अद्भुत वक्ता और बेहतरीन सांसद थीं। उन्हें सभी पार्टियों से सम्मान मिला। बीजेपी की विचारधारा और हित के मामले में वो कभी समझौता नहीं करती थीं। बीजेपी के विकास में उन्होंने बड़ा योगदान दिया''।