भोपाल। खाद्य पदार्थों जांच के लिए कर्मचारियो की संख्या कम होने से नहीं हो पा रही हैं सैंपलों की जांच। स्टेट फूड लेबोरेटरी में खाद्य पदार्थों की जांच के लिए 40 कर्मचारी और अफसरों की जरूरत है, लेकिन यहां सिर्फ 15 लोग ही कर काम कर रहे हैं। नतीजा, बीते 20 दिन में शहर के अलग-अगल इलाकों से लिए गए दूध, मावा, पनीर और दुग्ध उत्पादों के 129 सैंपल में से सिर्फ 36 की ही जांच रिपोर्ट आई है। वहीं प्रदेश में अब तक 2724 सैंपल जांच के लिए गए हैं। इसमें से सिर्फ 272 की ही जांच हो पाई है। यह स्थिति तब है जब रोजाना स्टेट फूड लेबोरेटरी में जांच के लिए रोजाना 100 से ज्यादा सैंपल जांच के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन जांच 25 से 30 सैंपल की ही हो पा रही है। स्टेट फूड लेबोरेटरी में सैंपल्स की जांच के लिए पर्याप्त संख्या में फूड एनालिस्ट, केमिस्ट, साइंटिस्ट और लैब टेक्नीशियन नहीं होना का फायदा खाद्य पदार्थों में मिलावट का कारोबार करने वाले व्यापारियों को होगा, क्योंकि जांच रिपोर्ट में देरी के कारण जांच में अमानक निकले फूड सैंपल की रिपोर्ट के आधार पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी एडीएम कोर्ट में संबंधित कारोबारी के खिलाफ मामला दर्ज नहीं करा पाएंगे। फूड सैंपल की जांच रिपोर्ट फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट 2016 के तहत 14 दिन के भीतर जारी होना चाहिए।
दीपक धाकड़, मैनेजर, टीटी नगर ब्रांच- पुरानी डेट की खाद्य सामग्री को सुपर मार्केट में अलग निकाल कर रख दिया जाता है, यहां से इसे बेचा नहीं जाता है। टीम यहां पर जांच के लिए आई थी और उन्होंने पुरानी डेट की अलग रखी हुई खाद्य सामग्री के सैंपल लिए हैं। हमारे द्वारा पुरानी डेट की सामग्री नहीं बेची जाती है।