भोपाल। राजधानी के करीब एक लाख छोटे-बड़े व्यापारियों और उद्यमियों को 31 अगस्त तक सालाना रिटर्न और ऑडिट रिपोर्ट फाइल करना है। लेकिन अब तक महज 3 हजार व्यापारी ही अपने रिटर्न और रिपोर्ट फाइल कर पाए हैं। शेष 97 हजार को समझ नहीं आ रहा है कि वे क्या करें। इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के मिलान में आ रही समस्या इसकी सबसे बड़ी वजह है। एक ही वस्तु पर बार-बार टैक्स न लगे इसलिए एक व्यापारी से माल खरीदकर बेचने वाले व्यापारी को उस वस्तु पर टैक्स जरूर भरना पड़ता है लेकिन उसे इसके लिए टैक्स क्रेडिट मिल जाती है। इस क्रेडिट का उपयोग वह दूसरी जीएसटी की देनदारियों में कर लेता है। हालांकि इस क्रेडिट तभी एडजेस्ट होती है जब बेचने वाला रिटर्न भरकर बताए कि उसने यह माल उक्त व्यापारी को बेचा था। इसकी जानकारी व्यापारियों का हर माह जीएसआर-3बी में देनी पड़ती है। व्यापारियों ने बताया कि बहुत से माल बेचने वाले व्यापारियों ने विभाग को इसकी जानकारी 30 अप्रैल2019 के बाद दी है ऐसे में उसका मिलान नहीं हो पा रहा। अब व्यापारी यह समझ नहीं पा रहे कि वह आईटीसी का क्लेम करें या फिर बन रहे टैक्स का नकद में भुगतान कर दें। लेकिन यह टैक्स की राशि लाखों करोड़ों में हैं। इसलिए व्यापारी केंद्र सरकार से प्रक्रिया को और आसान बनाने की गाइडलाइन का इंतजार कर रहे हैं।
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