भोपाल। मध्यप्रदेश में मेट्रो रेल प्रोजेक्ट पर अब तेजी से काम हो सकेगा। सोमवार को दिल्ली में भोपाल-इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए केंद्र व राज्य सरकार और मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के बीच एक अहम मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) साइन हुआ। इससे दोनों शहरों में प्रोजेक्ट को गति देने के लिए अब बैंकों से लोन लेने की प्रक्रिया आसान हो जाएगी। इस बैठक में मेट्रो के पहले चरण के साथ ही दूसरे और तीसरे चरण पर भी चर्चा हुई। इन चरणों में भोपाल मेट्रो को मंडीदीप, औबेदुल्लागंज, सीहोर तक, जबकि इंदौर मेट्रो को उज्जैन, देवास, पीथमपुर तक बढ़ाने का काम होना है। बैठक में इन चरणों की डीपीआर बनाने पर सैद्धांतिक सहमति बन गई। एमओयू के दौरान केंद्रीय शहरी और आवास मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी और प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्धन सिंह मौजूद रहे। जयवर्धन ने बताया कि दोनों शहरों में 2022 के अंत या 2023 की शुरुआत में मेट्रो का प्रथम चरण पूरा हो जाएगा और रेल दौड़ने लगेगी।
मेट्रो कंपनी में चेयरमैन केंद्र का
मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन अब केंद्र-राज्य सरकार की 50:50 की ज्वाइंट वेंचर कंपनी हो जाएगी। केंद्र बोर्ड के चेयरमैन सहित 5 डायरेक्टर और प्रदेश सरकार मैनेजिंग डायरेक्टर सहित 5 डायरेक्टर नोंमिनेट करेगी। प्रोजेक्ट की परेशानियों के निराकरण मुख्य सचिव की हाई पावर कमेटी करेगी। केंद्र सरकार प्रोजेक्ट के टेक्निकल स्टैंडर्ड और स्पेसिफिकेशंस को अप्रूव करेगी। प्रदेश सरकार 250 करोड़ रुपए में भूमि अधिग्रहण, पुनर्स्थापन और पुनर्वास का काम करेगी।