भोपाल। एसटीएफ ने तीन किग्रा अल्प्राजोलम के साथ मंदसौर के मां-बेटे को भोपाल रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर छह के पास से पकड़ा है। पकड़ी गई महिला करीब 15 साल में 30-35 बार इस ड्रग की तस्करी कर चुकी है। हर एक किग्रा तस्करी पर उसे 3-4 लाख रुपए का मुनाफा होता है। करीब दो करोड़ कीमत की इस ड्रग की सप्लाई उन्हें बिहार और वाराणसी में करनी थी। इस ड्रग का इस्तेमाल विदेशी नागरिक ज्यादा करते हैं। एसटीएफ का दावा है कि अमूमन इस ड्रग से बनी टेबलेट खाकर अपराधी सिलसिलेवार अपराध करते हैं क्योंकि इस ड्रग से व्यक्ति की झिझक खत्म हो जाती है। मप्र पुलिस द्वारा इतनी बड़ी मात्रा में अल्प्राजोलम पकड़ने का यह पहला मामला है। एसपी एसटीएफ भोपाल राजेश सिंह भदौरिया ने बताया कि मां-बेटे को भोपाल रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर छह के पास ऑटो स्टैंड से पकड़ा गया। पकड़े गए आरोपियों में मंदसौर निवासी यासमीन पति नूर मोहम्मद और उसका बेटा शाबिर हुसैन शामिल हैं। दोनों बस से नादरा बस स्टैंड आए थे और यहां से उन्हें एसी-सेकंड क्लास से बिहार जाना था। एसपी ने बताया कि यासमीन पहले शकुंतला हुआ करती थी। काफी समय पहले उसने नूर मोहम्मद से निकाह कर लिया। इन दिनों किसी और के साथ रहती है। एनडीपीएस एक्ट के तहत उसे उज्जैन और सासाराम पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। फिलहाल वह सासाराम जेल से जमानत पर छूटी है। गांजे और ओपियम ड्रग की सप्लाई के बाद उसने अल्प्राजोलम की तस्करी शुरू की। पुलिस से बचने के लिए वह एसी फ़र्स्ट या सेकंड क्लास में सफर करती थी।
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