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भोपाल।(सैफुद्दीन सैफ़ी) दाउदी बोहरा समाज दुआरा पैग़म्बरे ए इस्लाम मोहम्मद साहब(स अ व स) के नवासे हज़रत इमाम हुसैन(अ स) की 1400 साल पूर्व इराक के कर्बला शहर में हक़ और इंसाफ अमन और भाई चारे की जंग में हुई शहादत की याद में 10 रोज़ा मजलिसों के दौरान आज नोवी मोहर्रम की वाज. में मुम्बई से पधारे वायजीन जनाब शेख हुसैन भाई भोपालवाला ने करोंद स्थित बुरहानी नगर की बुरहानी मस्जिद में समाज के लोगो को खिताब करते हुए आह्वान किया कि मोमिनीन हर हाल में रसूले खुदा की शरीयत की पाबंदी करे।
जनाब हुसैन भाई ने आगे फरमाया कि आज मॉर्डन साइंस के जमाने मे नई जरनेशन शरीयत की पाबंदियों पर अमल करने से बच रही है आप ने समाज के लोगो को आगाह किया कि इस्लाम ने 1400 साल पूर्व जिन बुराइयों से हमे शरीयत की रोशनी में दूर रहने को बताया था आज वो ही बाते मेडिकल साइंस हमे आज बता रहा है।
शेख हुसैन भाई ने आज की मजलिस में विस्तार से पैग़म्बरे इस्लाम की शरीयत और हज़रत अली के खास फजायल बयान किये तथा आज की मजलिस हजरत अली के बड़े बेटे इमाम हसन की शहादत के बयान पर तमाम की।
आज दाउदी बोहरा समाज के 53 वे रहबर सैयदना आली कदर मुफद्दल सैफुद्दीन साहब(त उ श ) की 20 मिनिट की गमे हुसैन पर कोलंबो में की गई वाज की वीडियो रिकॉर्डिंग भी दिखाई गई।