भोपाल। 40 करोड़ रुपए से अधिक की सामग्री सिंहस्थ खत्म होने के बाद सप्लाई करने के आरोप और सिंहस्थ-2016 में हुईं गड़बड़ियो के संबंध में ईओडब्ल्यू ने छह गंभीर शिकायतों पर अलग-अलग प्राथमिक (पीई) दर्ज की हैं। इसमें अलग-अलग विभागों द्वारा सिंहस्थ के लिए सामग्री खरीदी गई थी। ईओडब्ल्यू को शिकायतें मिली थी कि 2 हजार एलईडी लाइट्स 3.5 करोड़ में खरीदी गई, लेकिन सिंहस्थ खत्म होने के बाद भी नहीं मिली। सिंहस्थ एरिया में अस्थाई लाइनों/ बिजली ट्रांसफॉर्मर और खंभे लगाने का 17 करोड़ का ठेका दिया। फिर इन्हें खोलने के लिए 4.5 करोड़ का अलग से ठेका दिया गया। मकोड़िया आम से खाक चौक और खाक चौक से मंगलनाथ मंदिर तक 2.9 किमी डिवाइडर बनाने, बिजली खंभे और लाइट लगाने के लिए ठेका दिया, लेकिन मंगलनाथ से सांदीपनी आश्रम तक 900 मीटर में ही काम हुआ। प्रत्येक पड़ाव स्तर पर 500 शौचालय और 10 चेंजिंग रुम में लाइट लगाना था, लेकिन नहीं लगाई गई। होल्ड अप फेंस के लिए अजंता बार्बड वायर एंड फेब्रिकेशन वर्क्स उज्जैन को वर्क ऑर्डर और लोगों के लिए पानी की टंकियां एवं स्टैंड खरीदे गए। लेकिन सिंहस्थ खत्म होने के बाद 434 पानी की टंकियां और स्टैंड स्टोर में जमा नहीं हुए। जो प्राथमिक दर्ज की गई हैं उनमें कार्यपालन यंत्री व एसडीओ लोक निर्माण, मुख्य महाप्रबंधक व निरीक्षक, लघु उद्योग, पीएचई, मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, नगर निगम उज्जैन, एचपीएल इलेक्ट्रॉनिक, अजंता वायर एंड फेब्रिकेशन वर्क्स उज्जैन आरोपी हैं। जांच उज्जैन यूनिट को सौंपी गई है।
|