भोपाल। 1 सितंबर से लागू हुए नए संशोधित मोटर वाहन कानून में बाइक पर दो से ज्यादा सवारी ओवरलोड मानी जाती हैं। जिसके चलते अगर बाइक सवार दंपती गोद मे बच्चे को लेकर चल रहे हैं, तो वे सावधान हो जाए क्योकि ट्रैफिक पुलिस बच्चे को भी तीसरी सवारी मानकर ट्रिपल राइडिंग का चालान काट सकती है। इसमें बच्चो के लिए छूट का कहीं कोई उल्लेख नहीं है। हालांकि पुराने मोटर वाहन कानून में भी बच्चे को तीसरी सवारी माना जाता था। लेकिन अब जुर्माने और सख्ती से लोगो को सावधान हो जाना चाहिए। मंत्रालय ने इस समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया है लेकिन समय सीमा तय नहीं की है। मोटर वाहन एक्ट में बाइक टू सीटर है। भले ही निर्माता कंपनी ने बाइक को 200 से 300 किग्रा वजन के अनुसार डिजाइन किया हो और इस पर दो से अधिक सवारी बैठ सकती हो, लेकिन इसे ओवर लोड ही माना जाएगा। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के संयुक्त आयुक्त कन्नन जगदीशन ने बताया कि नए कानून में दोपहिया पर शिशु या बच्चों के लिए कोई गाइडलाइन नहीं है। ऐसे में उसे तीसरी सवारी ही माना जाएगा। देशभर में कुल वाहनों में से दो तिहाई दोपहिया हैं। सूत्रो के अनुसार नया मोटर वाहन कानून लागू होने से पहले भी बच्चा तीसरी सवारी माना जाता था। लेकिन कोई गाइडलाइन नहीं थी। कई संगठनों ने इस बारे में गाइडलाइन जारी करने की मांग की है। अब लोगो को ज्यादा जुर्माने के साथ ही लाइसेंस सस्पेंड होने का डर है। मंत्रालय के एक अधिकारी का कहना है कि अभी तक आईएसआई मार्का हेलमेट पहनने का सिर्फ सुझाव दिया जाता है, लेकिन गुणवत्ता का कोई नियम नहीं है। लोगों की सुरक्षा को देखते हुए अब इसके मानक भी तय किए जाएंगे।
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