भोपाल। मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) में टीचिंग पोस्ट के विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस बार मैनिट बकायदा रोस्टर लगाकर पदों की संख्या भी जाहिर की है, लेकिन वर्ष 2017 में हुई फैकल्टी भर्ती के मामले में विवाद अभी कायम है। दअरसल, मैनिट की ईएसई डिपार्टमेंट की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. लक्ष्मी कुमरे ने आयोग में भर्ती में गड़बड़ी होने की शिकायत की थी। इसके चलते अब आयोग में 25 सितंबर को सुनवाई होनी है। दो अधिकारी डायरेक्टर और मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) के सचिव को राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने नोटिस जारी कर 25 सितंबर को उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं। वही, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. ने इस मामले मे कहा है कि इस भर्ती प्रक्रिया की जांच होनी चाहिए, क्योंकि उनके साथ भेदभाव किया गया है। आयोग ने मैनिट को जांच कर रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए थे, लेकिन जांच नहीं कर पुराने प्रकरण की गलत जानकारी देकर छवि बिगाड़ने की कोशिश की गई है। साथ ही कुमरे ने भेदभाव होने पर मैनिट प्रबंधन और आयोग से इसकी शिकायत करते हुए, आरोप लगाया है कि उन्हें इस पद पर कार्य करते हुए 16 साल 8 महीने हो गए हैं, लेकिन अभी तक एक भी पदोन्नति नहीं दी गई। 2017 में एसोसिएट प्रोफेसर की भर्ती प्रक्रिया में विभाग की सबसे सीनियर एवं अनुसूचित जनजाति की एक मात्र उम्मीदवार थीं। जबकि, इनसे जूनियर एक फैकल्टी का चयन कर लिया गया। इस जूनियर फैकल्टी ने अपने क्रेडिट पॉइंट बढ़ाने के लिए नियमों का उल्लंघन किया। वहीं प्रतियोगी परीक्षा गेट के लिए प्रकाशित पुस्तक को भी विषय की किताब बताकर क्रेडिट अंक प्राप्त कर लिए। इसके बाद भी इनका चयन कर लिया गया।
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