भोपाल। बड़ी- बड़ी हस्तियो को करोड़ो रु के लिए वीडियो बनाकर ब्लेकमेल करने की आरोपी मोनिका यादव को लेकर इंदौर पुलिस सोमवार शाम करीब 7:30 बजे भोपाल के अयोध्या नगर बाइपास स्थित सागर लैंडमार्क पहुंची। यहां मोनिका पिछले चार महीने से आरती दयाल की रूम पार्टनर बनकर रह रही थी। पुलिस ने घर की जांच की और राजगढ़ के लिए रवाना हो गई। पुलिस का कहना है कि अपने पिता के सामने मोनिका को अपना पक्ष रखने में सहायता मिलेगी। इसलिए फिर रात करीब 10:30 बजे राजगढ़ जिले के संवासी गांव (नरसिंहगढ़ के पास) पहुँचकर वहां के सरपंच प्रतिनिधि के जरिए मोनिका के पिता को बुलवाया और उन्हें कार में बैठाकर पूछताछ करने अपने साथ ले गई। इधर, महिला के द्वारा ब्लेकमेलिंग के मामले से जुड़े अधीक्षण यंत्री हरभजन सिंह को इंदौर नगर निगम के प्रभारी आयुक्त कृष्ण चैतन्य ने निलंबित कर दिया हैं। प्रभारी आयुक्त ने आदेश में कहा कि ‘हरभजन का चरित्र अशोभनीय है। सरकारी अधिकारी के पद पर इस तरीके का चरित्र बहुत ही निंदनिए हैं यह सब देखते हुए मप्र सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम 09 के तहत तत्काल प्रभाव से हरभजन को निलंबित किया जाता हैं। वही, इंदौर है कोर्ट मे दो याचिकाए दी गई हैं जिसमे लिखा गया हैं कि इस केस से जुड़े सारे सबूत, वीडियो, सीडी, मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप और सीसीटीवी फुटेज को तत्काल कोर्ट की देखरेख में ले लिया जाए। साथही, इंजीनियर हरभजन सिंह को भी आरोपी बनाया जाए। पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग।
हाई प्रोफाइल मामले में इंदौर एसएसपी रूचि वर्धन मिश्र ने पलासिया थाना प्रभारी अजीत सिंह बैस को लाइन अटैच कर जांच का जिम्मा शशिकांत चौरसिया को दिया है। मामले की गंभीरता और हाईप्रोफाइल लोगों के इसमें फंसे होने के कारण पुलिस महानिदेशक विजय कुमार सिंह ने सोमवार को एसआईटी गठित की गई है। डीजीपी सिंह ने एसआईटी को इस घटना के हर पहलू की बारीकी से जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। डीजीपी सिंह का कहना है कि जांच एक जिले तक सीमित नहीं है। बहुत सी जानकारियां आ रहीं है, इसके विस्तार को देखते हुए एसआईटी का गठन किया गया है।