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मंत्री लखन घनघोरिया के बयान पर युगलपीठ ने कहा, 48 घंटे के भीतर इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करे।

भोपाल। कैबिनेट मंत्री लखन घनघोरिया ने एक सार्वजनिक मीटिंग में अदालत के आदेश को लेकर आपत्तिजनक बयानबाजी करने के मामले मे एक्टिंग चीफ जस्टिस आरएस झा और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने कहा- कानून बनाने वाले ही कानून का पालन करने में बाधक बन रहे हैं। यदि वे अड़ंगे ही लगाना चाह रहे हैं, तो हम कल से कोर्ट बंद कर देते हैं। युगलपीठ ने सरकार से कहा है कि वह 48 घंटे के भीतर इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करे। अगली सुनवाई 26 सितंबर को तय की गई है। मंत्री लखन ने यह बयान जबलपुर की पहाड़ियों को अतिक्रमणमुक्त करने के हाईकोर्ट के आदेश पर जिला प्रशासन द्वारा की जा रही कार्रवाई पर किया था, जिसका वीडियो यू-ट्यूब पर भी है। दरअसल, शहर की पहाड़ियों पर अतिक्रमणों के खिलाफ वर्ष 2012 में एक जनहित याचिका किशोरी लाल भलावी ने दायर की थी। पहाड़ियों के अतिक्रमणों से संबंधित कुल 9 याचिकाओं पर हाईकोर्ट में एक साथ सुनवाई हो रही है। 

मंगलवार को बिलहरी के आदित्य नारायण शुक्ला की ओर से एक अर्जी देकर कैबिनेट मंत्री लखन घनघोरिया पर आरोप लगाए गए। लंच के पहले हुई सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने मंत्री के रवैये को आड़े हाथों लेते हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता अजय गुप्ता से कहा कि वह सरकार से निर्देश लेकर लंच के बाद उसका ब्योरा पेश करें। लंच के बाद हुई सुनवाई के दौरान कड़ी नाराजगी जताते हुए युगलपीठ ने सरकार को दो दिन के भीतर जवाब देने के निर्देश दिए।


वही अपने ब्यान पर मंत्री लखन घनघोरिया ने कहा - मैं खुद एक वकील हूं। कोर्ट के हर आदेश का सम्मान करता हूं अपमान कैसे कर सकता हूं। हम सरकार में हैं, इसलिए हमारा दायित्व बनता है कि एक लाख लोगो का पुनर्वास कराएं। मैं दोबारा से कहना चाहता हूँ। मेरे द्वारा कोर्ट या कोर्ट के किसी भी आदेश का अपमान नहीं किया गया हैं।

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प्रधान संपादक समाचार संपादक
सैफु द्घीन सैफी डॉ मीनू पाण्ड्य
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