भोपाल। राज्य सरकार ने 24 घंटे होने से पहले ही बदला स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम का चीफ। नेताओ और अफसरो को ब्लेकमेल कर करोड़ो रु वसूलने वाले हनीट्रेप मामला का जिम्मा एसआईटी का चीफ आईजी डी. श्रीनिवास वर्मा से लेकर सख्त छवि वाले एटीएस के एडीजी संजीव शमी को दिया गया है। चीफ के साथ ही टीम में भी बदलाव हुआ है। सोमवार को ही वर्मा को चीफ बनाया गया था, लेकिन मंगलवार की दोपहर वर्मा को हटाकर शमी को नया चीफ बनाए जाने के आदेश जारी हो गए।
हालांकि इसको हटाना नहीं कहा जा सकता हैं क्योकि जानकारी ने मुताबिक, आईजी वर्मा ने ही इच्छा जाहिर की थी कि उन्हें इस जिम्मेदारी से दूर रखा जाए। कहा कि न मैंने एसआईटी प्रमुख बनने के लिए आवेदन किया था और न ही हटने के लिए। बहरहाल, एसआईटी कथित तौर पर राजनेताओं, मंत्रियों के साथ प्रभावशाली आईएएस व आईपीएस अफसरों के आपत्तिजनक वीडियो और ब्लैकमेलिंग की पड़ताल करेगी।
एसएसपी ने बताया कि गैंग के साथ पकड़ाई छात्रा मोनिका को सोमवार रात जब पुलिस उसे उसके गांव ले कर गई तो खुलासा हुआ कि गैंग ने उसे जाल में फंसाया है। छात्रा के गांव में लोगों में काफी आक्रोश था, इसलिए सरपंच व उसके पिता को गांव से बाहर बुलाकर बात की। पिता ने बेटी को ले जाने का पूरा घटनाक्रम बताया। इसके बाद ब्लेकमेलिंग गैंग की आरती, दोनों श्वेता, बरखा, अभिषेक और ड्राइवर पर मानव तस्करी का केस दर्ज कर लिया। पुलिस ने छात्रा के पिता की शिकायत पर यह कार्रवाई की। केस भोपाल ट्रांसफर किया गया है। इन सभी पर धारा 370, 371 (ए) और 120 बी के तहत केस दर्ज हुआ है।
श्वेता स्वप्निल जैन व श्वेता विजय जैन ने आरती दयाल को नई लड़कियों को गिरोह में शामिल करने का जिम्मा दिया था। इनके निशाने पर शहरों में पढ़ने आने वाली जरूरतमंद लड़कियां होती थीं। आरती ही मोनिका को इवेंट कंपनी में नौकरी दिलाने की बात कहकर अपने साथ भोपाल लाई थी। मोनिका की तरह चार-पांच और लड़कियां भी आरती के संपर्क में थीं। आरती ने इनका भी इस्तेमाल किया था।